Friday, July 15, 2022

आ गेलै सावन ( मगही गीत )




आ गेलै सावन हे सखिया

देखा आ गेलै सावन हे सखिया।
इस महीना है पावन हे सखिया।

जल्दी से केसिया चोटी बना ला।
मथबा में सेनुर-टिकुली लगा ला।
करूँ मेंहदी लगावन हे सखिया।
देखा आ गेलै सावन, हे सखिया।

अब खेतबा में भर गेलै पानी हे।
 केयरिया  के रंग होलै धानी हे।
क्या धान रोपावन हे सखिया।
देखा आ गेलै सावन हे सखिया।

सब मिलके बगिया में जैबै से सखी।
संग मिलके गीतिया गइवै हे सखी।
करूं झूला झूलावन हे सखिया।
देखा आ गेलै सावन हे सखिया।
         सुजाता प्रिय'समृद्धि'
               स्वरचित

No comments:

Post a Comment