दुश्मन नशा
भैया जीवन के लिए नशा दुश्मन से बढ़कर है।
नशा करने से होता, जनों का जीवन बदतर है ।
मत खाओ तू खैनी गुटका,यह कैंसर का घर है।
असमय जनों का जान है लेता,यह ऐसा जहर है।
बीबी -बच्चों का दायित्व, भी तो तेरे ऊपर है।
भैया जीवन के लिए................
मत पीओ सिग्रेट - बीड़ी, इसके धूएँ में जहर है।
जान-बूझ क्यों पीते भैया,इसको हर पहर है।
इसके धूएँ से धुंधला, होकर जीवन बदतर है।
भैया जीवन के लिए........
मत पीओ तुम दारु-ताड़ी,आंत को यह जलाता है।
धीमा-धीमा असर दिखाता,फिर घातक बन जाता है।
इससे अच्छा तो पीना,सादा पानी सक्कर है।
भैया जीवन के लिए..............
मत खाओ तुम भांग,पान-मसाला भ्रष्ट करता दिमाग।
अफीम -चरस ना मुँह लगाना,जाग भाई जाग।
ड्रग्स का सेवन ना करना,तन को करता बंजर है।
भैया जीवन के लिए..............
सदा नशे से दूर रहो तुम, इसमें है तेरी भलाई।
नशे का पैसा भी बचेगा, जीवन होगा सुखदाई।
भैया मन में ले संकल्प,नशे का त्याग बेहतर है
भैया जीवन के लिए.............
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
समझाइश देने वाली अच्छी पोस्ट ।
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