आजाद देश में जनम लिया हैं
आजाद देश में जनम लिया है,इसका है गुमान हमें।
आजाद देश के वासी हैं हम,इसका स्वाभिमान हमें।
अपनी इस आजादी को हम, कभी नहीं मिटने देंगे।
भारत की इस थाती को हम,
कभी नहीं लुटने देंगे।
अमिट धरोहर है अपना यह इसपर है अभिमान हमें।
आजाद देश के वासी हैं हम.......
हमारी पावन धरती पर अब कोई आँख उठाएगा।
चूर करेंगे स्वप्न उसके हम, हाथ मलकर रह जाएगा।
मक्कारी और गद्दारी की हो गयी अब पहचान हमें।
आजाद देश के वासी हैं हम........
मन में इच्छा यही हमारी देश रहे आजाद मेरा।
धन-जन और संसाधन से देश रहे आवाद मेरा।
दुनिया इसका अनुसरण करती,इसका है अभिमान हमें।
आजाद देश के वासी हैं हम........
पहन सदा ही शान करे यह गंगा-यमुना की माला।
ऊँचा सीना सदा ही रखे, हिमालय पर्वतमाला।
जिसके कारण है मिलता, सदा जग में पहचान हमें।
आजाद देश के वासी हैं हम........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
सुन्दर रचना प्रिय सुजाता जी।आजादी से मिली स्वाभिमान की अनुभूति सच में गौर्वाविंत करती है।
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