सावन महीना
हरि बोलो ! सावन महीना पावन, मनमा हरसे हरि बोलो।
हरि बोलो ! रिमझिम रिमझिम, मेघा बरसे हरि बोलो।
गड़-गड़, गड़ -गड़ बोले बदरिया।
चम-चम,चम-चम चमके बिजुरिया।
हरि बोलो !अजब आवाज आबे, अम्बर से हरि बोलो।
हरि बोलो!सावन महीना...........
वर्षा की देखो है बुंदे ये न्यारी।
लगती है यह हर जन को प्यारी।
हरि बोलो ! कड़क -कड़क कर,बदरा गरजे हरि बोलो।
हरि बोलो!सावन महीना .........
धरती पर छायी है हरियाली।
हरी- भरी है पेड़ों की डाली।
हरि बोलो ! खेतों की क्यारी में, पौधे लरजे हरि बोलो।
हरि बोलो !सावन महीना...........
सुजाता प्रिय समृद्धि
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