Wednesday, December 9, 2020

कलवरी(भारतीय नौसेना दिवस पर विशेष)


 
लंदन देखी, पेरिस देखी,और देखी जापान।
अमेरिका देखी, रसिया देखी,देखी पाकिस्तान।
घूम-घूम कर देखी हूं भाई,मैं सारा जहान।
सारे जग में कहीं न दिखती, कलवरी जैसी शान।

इसके जैसा कहीं न दिखती नौसेना में पनडुब्बी।
छुपकर तन्मयता से,हमले करना है इसकी खूबी।
भारत ने निर्माण किया खुद, इसका है अभिमान।
सारे जग में कहीं न .................

टाइगर शार्क सी शक्ति शाली, डीजल से चलनेवाली।
मझगांव में निर्मित, इलेक्ट्रिक अटैक करनेवाली।
भारत की रक्षा करने वाली,देश की है यह जान।
सारे जग में कहीं न..............

भारत मां की रक्षा करते हैं , इसमें बैठ सिपाही।
योगी बनकर साधना करते, दृढ़- संकल्प ये राही।
आठ दिसंबर ,नौसेना दिवस पर, रखें इसका मान।
सारे जग में कहीं न...............
               सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
                स्वरचित, मौलिक

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