Wednesday, December 30, 2020

जैसी बहे बयार ( लघुकथा )



कार्तिक महीने में स्नान -दान ,वर्त त्योहार करने वाली झुमनी दादी कार्तिक पूर्णमासी के बाद से एकदम अलग तरीके से काम काज करने लगी। सूर्य उगने से पहले नहाने वाली दादी के नहाने खाने का समय ही बदल गया।एक टब में पानी भर कर रख देती जिससे दादी-दादा दोनों का स्नान हो जाता। पड़ोस के बच्चे किलोल करते हुए पूछते क्या दादी ! हर महीने आपलोग के नहाने का अंदाज बदल जाता है। कार्तिक में सूर्योदय पूर्व नदी -स्नान और अगहन में धूप में गर्म किये हुए जल- स्नान और पूस में एक, दो दिन बाद-स्नान।यह कौन-सा फार्मूला है स्नान करने का? जरा हमें भी बताइए।
        झुमनी दादी ने कहा-जैसी बहे बयार , पीठ तब तैसी कीजे।
कार्तिक में सुबह स्नान का महात्म्य सूर्य उपासना के कारण भी है और पर्व-त्योहार में शरीर की पवित्रता के कारण भी है। क्योंकि इस महीने पर्व-त्योहार भी ज्यादा होता है और उन दिनों ठंड भी कम रहती है। इसलिए सूर्योदय पूर्व स्नान कर लेती हूं।
 अगहन में ठंड बढ़ने के कारण गर्म जल से स्नान लाभकारी है। खासकर धूप में तप्त जल शरीर को निरोग रखता है।
 पूस में ठंड चरम सीमा पर होती है ।इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नित्य स्नान से परहेज़ भी आवश्यक है। स्नान का महत्व शरीर को स्वच्छ रखना तो है ही स्वस्थ रहना भी है।इतनी ठंड में हम नित्य स्नान करेंगे तो बीमार भी पड़ सकते हैं। इस लिए इस महीने में गर्म पानी में कपड़ा भिगो कर शरीर को पोछ लेती हूं। फिर धीरे-धीरे ठंड घटने पर नहाने की प्रक्रिया में अपने आप परिवर्तन आ जाता है।
       बच्चे दादी के शिक्षा प्रद बातों से प्रभावित हो सोंचने लगे। सचमुच हमें स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना  चाहिए।
            सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
     स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित

8 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" (1994...दुनिया के पूर्वी छोर न्यूज़ीलैंड से नव वर्ष का आरंभ होता है...) पर गुरुवार 31 दिसंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सादर आभार एवं हार्दिक धन्यवाद भाई! मेरी रचना को पांच लिंको के आनंद पर साझा करने के लिए।

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  2. सच्ची कथा.. बढ़ती उम्र के साथ समझने की कोशिश में हूँ

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  3. सादर नमस्कार आ० दीदीजी। मेरी रचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए हार्दिक आभार।

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  4. नव वर्ष मंगलमय हो सभी को सपरिवार। सुन्दर।

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    1. हृदय तल से आभार मंगल कामना के लिए।नव वर्ष का प्रणाम।

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  5. बहुत अच्छी कथा
    बधाई

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    1. सादर धन्यवाद एवं नव वर्ष की सुभ-मंगल कामना।

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