🙌🙌आशीष २०२० का🙌🙌
विगत बरस बन मैं जा रहा हूं,
तुम्हें मुबारक नया बरस हो।
मेरे अनुज संग सुखी रहो सब,
आगामी जीवन सदा सरस हो।
तुम्हें शिकायत अगर है मुझसे,
कि मैंने सबको बहुत सताया।
तूने कहा- मैं हूं बीस विषैला,
पूरी दुनिया में विष फैलाया।
अगर तू मुझसे दुःखी हुए तो,
कभी-भी दुःख का नहीं दरस हो।
मेरे अनुज संग सुखी रहो तुम,
आगामी जीवन सदा सरस हो।
मगर ये सोंचो, जरा तू मन में,
अगर तू खोये तो बहुत ही पाये।
चुनौतियों से लड़े तुम डटकर,
जिम्मेदारियों को गले लगाये।
आत्मनिर्भर,श्रमजीवी बने तुम,
जिससे मन में तुम्हें हरस हो।
मेरे अनुज संंग सुखी रहो तुम,
आगामी जीवन सदा सरस हो।
उलझनों को सुलझाना सीखा,
जीवन सुगम-सरल बनाये।
मितव्यई ,स्वयंसेवी बनकर,
विषम घड़ी में भी मुस्कुराए।
साकारात्मकता मन में आया,
निर्माण करने की ललक हो।
मेरे अनुज संग सुखी रहो सब,
आगामी जीवन सदा सरस हो।
परदेश से तुम स्वदेश लौटे,
परिजनों संग समय बिताये।
नई उम्मीदों के संग जीये,
उत्थान करने का मन बनाये।
मैं जा रहा हूं आशीष देकर,
आगामी स्वर्णिम सभी बरस हो।
मेरे अनुज संग सुखी रहो सब
आगामी जीवन सदा सरस हो।
🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित , मौलिक
ReplyDeleteमैं जा रहा हूं आशीष देकर,
आगामी स्वर्णिम सभी बरस हो।
मेरे अनुज संग सुखी रहो सब
आगामी जीवन सदा सरस हो।
जिन्हे 2020 से शिकायत है उनको सकारात्मक सोच और सीख देती ,बहुत ही सुंदर सृजन सुजाता जी
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
सादर धन्यवाद एवं आभार सखी। आपको भी नये साल की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
ReplyDelete