नित्य की भांति आज भी अनुपमा विद्यालय जाने के लिए पव्लिक बस में बैठी थी।आज विद्यालय में मानवाधिकार के अर्थ पर परिचर्चा थी। वह सोंच रही थी क्या बोलूंगी? तभी एक महिला अपने तीन बच्चों को साथ लिए बस में सवार हुई।कण्डकटर ने एक सीट पर उसे यह कहकर बैठने के लिए कहा कि कुछ ही देर में साथ वाली सीट खाली हो जाएगी फिर वहां बच्चों को बैठा लेना। वह एक बच्चे को गोद में लेकर और दो बच्चों को अपने आगे खड़ा कर बैठ गई। उसके साथ वाली सीट पर बैठे व्यक्ति को शायद बच्चे को खड़ा देख कर दया आ गई। उसने दोनों में से छोटे बच्चे को उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया।तभी वह व्यक्ति जो पहले महिला वाली सीट पर बैठा था आया और महिला से कहा- यह सीट छोड़ कर उठ जाओ यह मेरी सीट है।
महिला ने कहा -यह आपकी सीट कैसे हुई मैंने इस सीट का किराया दिया है और मुझे कण्डक्टर ने यहां बैठाया है।
तभी कण्डक्टर ने आकर कहा- हां यह सीट इन्हीं की है। ये पहले से यहां बैठे हुए थे।
लेकिन आपने तो कहा कि यह सीट खाली । महिला ने गुस्से से कहा।
हां कहा था पर जब ये उतरे तो इनका विचार हुआ कि ये अगले शहर तक जाएं। इसीलिए चले आए।पहले से बैठे थे तो सीट इन्हीं का न है।
महिला ने खीजते हुए उठकर कहा -ठीक है मेरे पैसे वापस करिए। मैं दूसरी बस से चली जाउंगी।
पैसे क्यो वापस करुं ? आप एक ओर खड़ी रहिए जब सीट खाली होगी बैठ जाइएगा। आपने बस का किराया दिया है तो बस में सफर करना आपका मानवाधिकार है। ये सीट पर पहले से बैठे थे तो वहां बैठना उनका मानवाधिकार है।कण्डकर ने उसे रोकते हुए कहा।
अचानक उस महिला के बगल वाली सीट पर बैठा पुरुष उठ खड़ा हुआ और बिफरते हुए कहा- क्या मानवाधिकार की बात करते हो। मानवाधिकार का अर्थ समझ में आता है तुम्हें?एक तो तुमने एक सीट खाली देकर दो सीटों के किराए ले लिए। दूसरे उतरे हुए यात्री को फिर से बैठाने के लिए इस महिला को उठा रहे हो।क्या यही मानवाधिकार है। ये भाई साहब जहां तक का किराया दिए थे बस वहीं तक बैठना उनका अधिकार था।
और मैं अपनी सीट को छोड़ रहा हूं क्योंकि तुमने इनसे इस सीट का किराया ले लिया है।अब इस सीट पर भी इन्हीं का अधिकार है।
आप क्यों परेशान हो रहे भैया!कण्डक्टर ने मनुहार करते हुए कहा।
उस व्यक्ति ने उसे सचेत करते हुए कहा- मानवाधिकार का अर्थ किसी मानव को छलना,ठगना और वेवकूफ बनाना और सिर्फ अपना अधिकार लेना ही नहीं होता।
'मानवाधिकार का अर्थ एक मानव द्वारा दूसरे मानव को उसके अधिकारों की जानकारी देना, उसके अधिकार की सुरक्षा देना, और उसके अधिकारों को सुनिश्चित कर उसके अधिकारों को उपलब्ध कराना भी है ।'
कण्डक्टर ग्लानि से सिर नीचे कर लिया ।
अौर अनुपमा को परिचर्चा के लिए मानवाधिकार का अर्थ समझ में आ गया।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित , मौलिक
No comments:
Post a Comment