Monday, November 11, 2019

भगवान की विजय हुई

न राम की जय हुई,
न अयोध्या धाम की विजय हुई।
हम लड़ें नहीं फिर किस संग्राम की विजय हुई।
लाख
है विविधता,
फिर भी हममें है एकता।
हम एक थे,हम एक हैं,
हम एक ही
रहें सदा।
सौहार्द्र भाईचारे के ,
आयाम की विजय हुई।
हम जानते
हैं फूट से हैं ,
देश के टुकड़े हुए।
देश अलग लेकर भी हम,
हैं आज तक
लड़े हुए।
इतिहास ना दुहरायें, इस
पैगाम की विजय हुई।
राम ही
रहीम है,
कृष्ण ही करीम है।
एक ही माटी हमारी,
एक ही
जमीन है।
जो सबको है गढ़ता सदा,
उस भगवान की विजय हुई।
               सुजाता प्रिय
          

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