Friday, October 20, 2023

जय माता कात्यायनी



जय माता कात्यायनी ( विजया घनाक्षरी)

जय माता कात्यायनी,
शीघ्र हो फलदायिनी,
दुर्गा का षष्ठम रूप 
भक्त जनों को है भायी।

महिमा तेरी अनूप,
समझे न देवा- भूप,
ले कर बालिका रूप,
कात्यायन घर आयी।

है चार भुजाओं वाली,
ले कमल फूलों वाली 
कात्यायन की बिटिया,
कात्यायनी कहलायी।

आया है कैसा संयोग 
लगाओ मधु का भोग 
होबे नहीं चर्मरोग,
माता को बहुत भायी।

      सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

2 comments:

  1. माँ की ममता सब पर बनी रहे

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद भाई 🙏🙏

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