Wednesday, October 18, 2023

जय माँ कूष्माण्डा (चौपाई

जय माँ कूष्माण्डा (चौपाई)

जय जय जय कुष्मांडा माता।
चतुर्थ रूप यह तेरा भाता।।

हाथ में धनुष-बाण विराजे।
कमण्डल कलश व कमल साजे।।

करती हो तुम सिंह सवारी।
महिमा तेरी है अति न्यारी।।

फल मेवे का भोग लगाऊँ।
भजन-कीर्तन-आरती गाऊँ।।

 मनोकामना पूर्ण करें तू।
सबकी झोली मातु भरे तू।।

सब पर माया करने वाली।
सबकी झोली भरने वाली।।

शरणागत की सुरक्षा करती।
सारे दुखड़े तुम  माँ हरती।।

जो जन तेरे पग में आता।
मनचाहा फल तुझसे पाता।।

           सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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