Saturday, October 14, 2023

नजरिया (विजया घनाक्षरी)

विजया घनाक्षरी ८,८,८,८ (३२ वर्णी घनाक्षरी)

नजरिया

समय - समय  पर,
  जगह - जगह  पर,
    ज़माने में है लोगों की
       बदलती   नजरिया।

निज  बारी  में अलग,
   दूजा  बारी  में अलग,
      परिस्थितियांँ देख है,
          सम्हलती  नजरिया।

किसी की साकारात्मक,
   किसी की नाकारात्मक,
      किसी की विचारात्मक,
          है  पलती  नजरिया।

बात हो कोई पक्ष में,
   या हो कभी  विपक्ष में,
       फैसले  समकक्ष  में,
           न  टलती  नजरिया।

     सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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