Wednesday, December 1, 2021

जवानी गलतियों का नाम है (गज़ल )_

हो गयी कुछ भूल,जवानी गलतियों का नाम है।
दिवानी होती है जवानी, इसलिए बदनाम है।

दिल लगा बैठे सनम से,यह मेरी एक भूल है,
इतनी गलती के लिए हम,हो गये बदनाम हैं।

समझ न पाये प्रेम को वे,दे न पाये अहमियत,
उनकी नज़रों में मुहब्बत,आशिकी का जाम है।

अजी जीगर के दर्द को अब,कौन समझेगा यहां,
जवानी में जिस किसी ने,पीया नहीं यह जाम है।

शिकवा-गिला अब जिंदगी में, करना नहीं मंजूर है,
जवानी की देखो यहां पर,आ रही अब शाम है।

मत फफोले को कुरेदो, जख्म हरे हो जाएंगे,
भूल को अब भी सुधारों, बुजुर्गों का पैगाम है।

दुखती रग को मत टटोलो,नब्ज़ अपने देख लो,
तुमने भी खाये थे ठोकर, होता यही अंजाम है।
               सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 02 दिसम्बर 2021 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. आपकी इस रचना में, आपकी बेबाक-बयानी सह शीरीं-ज़बानी क़ाबिलेतारीफ़ है .. जिसे प्रायः लोगबाग सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करते, पर करते सभी हैं ... भूल .. शायद ...
    मुखौटेधारी लोग उम्र के एक पड़ाव पर शराफ़त और गंभीरता का पैरहन पहन कर अपनी गर्दन अकड़ाने में अपनी तारीफ़ समझते हैं .. शायद ...
    ये वही मुखौटेधारी लोगबाग हैं , जो गन्दी बात-गन्दी बात कह-कह के चीन से होड़ लगाए जा रहे हैं .. जनसंख्या बढ़ाने में .. बस यूँ ही ...

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  3. बहुत सटीक,सराहनीय सृजन ।

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