Friday, October 8, 2021

सुन ले विनती आज (मां अम्बे गीत )

जय मां अम्बे, जय जगदम्बे,
सुन ले विनती आज शरण में आई हूं।
तेरी यह दासी, बहुत उदासी,
दर्शन प्यासी आज शरण में आई हूं।
कष्ट हरो मां भक्त जनों के,
जीवन आज सुधारो।
कष्ट भुजा मां दुःख-सागर से,
नैया पार उतारो।
सुनो मां नैया पार उतारो।
सब दुःख हरनी,सब सुख हरनी,
उबारो तरनी आज, शरण में आई हूं।
जय मां अम्बे.......................
संकट हरनी नाम तुम्हारा,
सबके संकट हरती।
महिमा तेरी बड़ी निराली,
सबको समृद्ध करती।
हां हां मां सबको समृद्ध करती
बिगड़ी बनाओ,पाप मिटाओ,
कर दो कृपा आज, शरण में आई हूं।
जय मां अम्बे...................
तेरे सिवा नहीं कोई मेरा,
 किसके द्वार मैं जाऊं।
हे जगतारिणी तू बतला दे,
किसको सुनाऊं।
कहो मां किसको व्यथा सुनाऊं।
तू मन हरनी,दिल खुश करनी,
बिगड़ी बना दो आज,शरण में आई हूं।
जय मां अम्बे.....................
          सुजाता प्रिय 'समृद्धि'


2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 10 अक्टूबर 2021 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. सादर आभार दीदी जी। नमस्कार

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