हिन्द देश के वासी कर लो, हिन्दी की आराधना।
जब मुख खोलो हिन्दी बोलो, होगी सच्ची साधना।।
अपनी है यह प्यारी हिन्दी,इसे सभी सम्मान कर।
दुनिया में जाकर हिन्दी का,खुलकर तुम गुणगान कर।
सारी दुनिया में यह छाये,मन में रख लो कामना।।
जब मुख खोलो हिन्दी बोलो, होगी सच्ची साधना।।
हर भाषा को लिखना-पढना, माना अच्छी बात है।
हर भाषा का ज्ञान बढाना,जीवन की सौगात है।
हिन्दी भाषा सबसे अच्छी,रख लो मन में भावना।
जब मुख खोलो हिन्दी बोलो,होगी सच्ची साधना।
संस्कृत की बेटी है हिन्दी, सुंदरता की खान है।
हर अच्छी बोली-भाषा को,इसपर ही अभिमान है।
देश की क्षेत्रीय भाषा की,करती है यह सामना।
जब मुख खोलो हिन्दी बोलो, होगी सच्ची साधना।
अपने प्यारे हिंद देश की, हिन्दी से पहचान है।
हिन्दी से ही प्यार हमें है, हिन्दी पर ही शान है।
इसे तज विदेशी भाषा में, स्वयं को तुम न बांधना।
जब मुख खोलो हिन्दी बोलो, होगी सच्ची साधना।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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