Wednesday, July 10, 2024

देखने को बहार

देखने को बहार, देखने को बहार ।
कान्हा चले मधुबन में,देखने को बहार,
बसंत के बहार , कान्हा चले 
आगे आगे कान्हापीछे से गोपियांँ,
हाँ जी राधा चली उनके साथ।
देखने को बहार ।
कोकिल कूके,पपीहा गाबें,
हाँ जी मोर दिखाते नाच,बीच मधुबन में 
कान्हा चले मधुबन में........
कदम पर कन्हैया, मुरली बजाबे,
हाँ जी प्यार की छेड़े तान।बीच मधुबन में,
देखने को.....
पलास तरू पर दस-दह दहके,
हाँ जी लता में खिले कचनार।
कान्हा चले मधुबन में,देखने को बहार 
            सुजाता प्रिय 'समृद्धि' 

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