माँ जगजननी को, भक्तों से प्यार था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
जो मैया के निकट जाता,माँ उसकी झोली भरती हैं।
जो हैं दुःख-चिंता से व्याकुल,उनका संकट भर्ती हैं।
शेरोंवाली मैया को भक्त हजार था,
आज भी है और कल भी रहेगा।
माँ जगजननी को.........
माँ के अंखियों में देखो,छवि भक्तों की बसी प्यारी।
माँ का हर रूप न्यारा,इनकी ममता है न्यारी।
मैया जी को बेटों से सदा ही दुलार था ,
आज भी है और........
सुन विनती माँ अम्बे, हमें बल-बुद्धि दो इतनी।
हम सबके हैं साथी, सहायता माँगे जो जितनी।
युग-युग पहले माँ का सजा दरबार था,
आज भी है और.........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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