Saturday, June 1, 2024

अखबार बोलता है (घनाक्षरी)

अखबार बोलता है 

अखबार बोलता  है।
सभी राज खोलता है।
आदत बना के नित,
अखबार पढ़िए।

नौकरी, सेवा,व्यापार।
खेल-कूद, समाचार।
इसे पढ़ आप आगे,
ज्ञान तरु चढ़िए।

जानकारियां लाता है।
दिमाग को बढ़ाता है।
स्मरण को बढ़ाइए,
आप आगे बढ़िए। 

वर्तमान, अतीत को। 
आधार,हार-जीत को।
पढ़,नाप-जोख कर,
नव-पथ गढ़िए।

     सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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