घड़ा (हरिहरण घनाक्षरी )
गीली- मिट्टी गूथकर,
थोड़ा बालू मिलाकर,
चाक पर रखकर,
लकुट से घुमाकर ।
हाथ जल लगाकर,
मिट्टी पर दबाकर,
घड़ा आप बनाकर,
सुतली से काटकर,
छाँव तले सुखाकर,
लकड़ियांँ जलाकर,
आवे पर पकाकर,
घर उसे ले जाकर,
प्रातः पानी छानकर,
रखें घड़े डाल कर,
ठंडा जल को पीकर,
रहें आत्मतुष्ट कर।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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