नशे की लत नहीं अच्छी नशा करना अभी छोड़ो।
दिख जाए जो मयखाना,तो मुख उससे सभी मोड़ो।
कभी भूले से रुख अपना,नहीं करना उधर कोई-
अगर खाए थे भूले से तो तुम अपनी कसम तोड़ो।
मय के प्याले से अपना घट जीवन का ना फोड़ों।
नशे में चूर होकर तुम नहीं जीवन का संग छोड़ो।
नशे में मत मिटाओ तुम कभी अनमोल जीवन को-
नशे को छोड़ जीवन से नाता तुम अभी जोड़ों।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
वाह! सुंदर संदेश!!!
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ReplyDeleteसार्थक व सारपूर्ण अभिव्यक्ति
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