Wednesday, June 26, 2019

पास बुलाया नहीं करो (कव्वाली)

ऐ आश  मेरे पास तू  आया नहीं करो।
मिलते नहीं तो पास बुलायाा नहीं करो।

देकर तू झूठी आश हमें निराश ना करो।
उल्लस  मेरा  छीनकर उदास  ना  करो।
हम दास नहीं आश के सताया नहीं करो।
मिलते  नहीं तो  पास बुलायाा नहीं करो।

हमें जितना मिला उतने से संतोष कर लिए।
मोती  न मिली  मिट्टी  से  ही कोष भर लिए।
दिखा  कर  जवाहरात  लुभाया  नहीं करो।
मिलते नहीं तो पास  बुलायाा  नहीं  करो।

मेहनत में है विश्वास हम मांगा नहीं करते।
दूसरे के लूटे धन से हम झोली नहीं भरते।
धन  का भंडार  सामने  लाया  नहीं करो।
मिलते  नहीं तो पास बुलायाा  नहीं करो।

इस लोक का ही सुख हमें मिलता रहे सदा।
भूलोक  का आलोक  मिले हमको  सर्वदा।
परलोक  के सपने तू  दिखाया  नहीं  करो।
मिलते  नहीं  तो पास  बुलायाा  नहीं करो।
                                 सुजाता प्रिय

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