Saturday, June 22, 2019

पुरातन कार

पुरातन युगों की कार होती थी पालकी।
कोसों तक लोगों को ढोती थी पालकी।
पहिए  होते   थे  इसके.  पैरों  के चार।
पालकी  के  चालक  होते   थे  कहार।
पाँच लीटर  पेट्रोल रोज  पीती है कार।
नमक,सत्तु, गुड़- पानी पीते थे कहार।
कारों  में राह के लिए हॉर्न हम  बजाते।
कहार स्वयं हट जा,राह दे थे चिल्लाते।
कारों में गाने सुनते हैं हम लगा स्पीकर।
पालकी में कहार सुनाते थे सुर गाकर।
अनगढ़, राहों  पर  थे वे  दौड़   लगाते।
पालकी सवार को समय पर थे पहुचाते।
दुल्हे को  बारात ले जाती  थी पालकी।
दुल्हनों को ससुराल लाती थी पालकी।
                       सुजाता प्रिय

No comments:

Post a Comment