मेरी ग़लती माफ करो,सब मेरा श्राप हरो।
हे माँ अम्बे!जय जगदम्बे,जय जगजननी माता।
हे काली कल्याणी माता, दुःख हरनी सुख दाता।
तू मेरा पाप हरो। मेरी ग़लती........
भूल-चूक मेरी से माता! मन से तुम विसराओ।
मैं दुखियारी,शरण तिहारी, मुझको गले लगाओ।
दिल अपना साफ करो, मेरी ग़लती..........
मेरे मन के कुविचारों को,पर में दूर भगाओ।
सुविचारों और सुकृतियो से,मन मेरा भर जाओ।
मेरा मन संताप हरो,मेरी ग़लती................
कभी किसी से द्वेष नहीं हो,ऐसा हो मन मेरा।
प्रेम और सद्भावना आकर मन में डाले डेरा।
इतना तो आप करो। मेरी ग़लती.....
सुजाता प्रिय समृद्धि
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