रहे ले मैया के बनैया,मैया के भावे ने कोठा-अटरिया।
आज मैया के हई पुजनिया,सांंझ पहर के गेली बजरिया,
मैया ले रैली हरियर अंँगिया, ओढ़े लगी वाली चुनरिया।
हाथ ले लैली चूड़ी-मुनरिया,पांँव ले लैली बिछिया पायलिया।
गले में हरबा लैली हजरिया,कान में झुमका
नारियल केला भोग लगैली, काजू-किशमिश दाख छोरियां।
चरण में मैया के माथे नवैली,हमरा पर मैया फेरा नजरिया।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
No comments:
Post a Comment