यादें (रूप घनाक्षरी)
जो पल बीत जाता है।
सदा ही याद आता है।
हंसाता औ रुलाता है।
पल जाता है खास हो ।
कोई प्यार हो दिल में,
परिवार हो दिल में,
तकरार हो दिल में,
तो याद का आभास हो।
किसी की याद आती है।
दिल को भी रुलाती है।
मन को भी सताती है।
मन जाता उदास हो।
कभी हम अकेले में,
खड़े बाजार-मेले में,
खाते समोसे ठेले में,
लगता कोई पास हो।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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