Friday, November 17, 2023

छठ व्रत गीत

छठ व्रत गीत 

चार दिवस के छठे के वरतिया,
चहुं दिशी भरल हुलास छठी मैया,
लोग के मन विश्वास छठी मैया,
पूरन करिहें आस।

पहिला दिवस व्रती नहाय खाय,
गंगआ-जल करें स्नान छठी मैया,
कद्दू -दाल भात खाय ।

दूसर दिवस करें सांझ के खड़नमा,
केला-पात भोग लगावें छठी मैया,
धूप ओ दीप जलाए।

तीसर दिवस देने सांझ के अरगिया,
पग-पग दण्डवत देई छठी मैया,
अस्तगामी सुरुज मनाय।

चौथ दिवस भिनसार अरगिया,
सूप लेके पनिया में ठाढ़ छठी मैया,
उदीयमान से माँगे आशीर्वाद।

सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

4 comments:

  1. सुन्दर छठ गीत ! केवल चार दिवसों का ही वर्णन क्यों? इस छठ गीत में पांचवें और छठे दिवस पर क्या-क्या किया जाता है, इसका उल्लेख भी तो करो.

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  2. बहुत शुभकामनाएं





    बहुत शुभकामनाएं





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  3. सुंदर छठ गीत। बहुत शुभकामनाएं।

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