पवनपुत्र हनुमान
हमारे घर पधारिए ,पवन पुत्र हनुमान।
माँ अंजनी के अच्छे,आप रहे संतान।।
जय देव बजरंगबली,जय जय जय हनुमान।
भक्तों के दुःख टालते,सबके कृपा निधान।।
सच्चे मन से लोग जो,करते कभी पुकार।
सदा निभाते साथ वे, करते हैं उपकार।।
सबके मन में हैं बसे,सबको है विश्वास।
पूरण करते कामना, पूरी करते आस।।
शरण हैं प्रभु आपके,कर रहे हैं प्रणाम।
गुण हैं गाते आपके,नित हैं जपते नाम।।
कृपा जरा हम पर करें,दीनों के तुम नाथ।
हम आपके चरणों में,नवा रहे निज माथ।।
हमको भी वर दीजिए,जो है मन में चाह।
पूर्ण कर मनोकामना, सदा दिखाएंँ राह।।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'🙏🙏
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