Wednesday, May 31, 2023

पेड़ लगाओ पानी पाओ

पेड़ लगाओ पानी पाओ

  देख लो तुम
यह रेगिस्तान में,
   भरा है रेत।

     बन रहे हैं
देखो ऐसे ही अब
    हमारे खेत।

    दूर-सुदूर
दिख रहा है यहाँ
  एक ही पेड़।

    हम मानव 
ने बर्वाद है किया
   है इसे छेड़।

    अगर हम
एक-एक पेड़ भी
   यहाँ लागते।

   बसुंधरा के
आंचल में हैं हम
  पेड़ सजाते।


  स्वच्छ रहता
पर्यावरण यहाँ
  हम हँसते।

   सूखता नहीं 
नल कूप न पानी
   को तरसते 

सुजाता प्रिय समृद्धि

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