सादर नमस्कार , आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (30-1-22) को "भावनाएँ मेरी अब प्रवासी हुईं" (चर्चा अंक 4326)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी . -- कामिनी सिन्हा
बहुत ही सुंदर।सादर
सुन्दर विचार
सही कहा।
बहुत अच्छी रचना!जीना इसी का नाम है। --ब्रजेंद्रनाथ
वाह ! सही बात।
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (30-1-22) को "भावनाएँ मेरी अब प्रवासी हुईं" (चर्चा अंक 4326)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
--
कामिनी सिन्हा
बहुत ही सुंदर।
ReplyDeleteसादर
सुन्दर विचार
ReplyDeleteसही कहा।
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना!
ReplyDeleteजीना इसी का नाम है। --ब्रजेंद्रनाथ
वाह ! सही बात।
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