Friday, January 28, 2022

जीना इसी का नाम है



जीना इसी का नाम है

जीओ और जीने दो,
सबको खाने-पीने दो,
मिलना ही तो काम है।
जीना इसी का नाम है।

किसी को न सताओ,
सबका साथ निभाओ,
सबका सुबह-शाम है।
जीना इसी का नाम है।

       सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

6 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (30-1-22) को "भावनाएँ मेरी अब प्रवासी हुईं" (चर्चा अंक 4326)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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  2. बहुत ही सुंदर।
    सादर

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  3. बहुत अच्छी रचना!
    जीना इसी का नाम है। --ब्रजेंद्रनाथ

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