Wednesday, June 16, 2021

(नाक पर मुहावरे दार सृजन)



नाक रखने की विनती

हम नाक बचाने आए हैं,
    प्रभु नाक हमारी रख लेना।
       यह नाक बहुत ही प्यारी है,
           नाक में अच्छी महक देना।

रिपु नाक काटना चाह रहा,
    मेरी नाक नहीं कटने देना।
       इस नाक की तू मर्यादा को,
         किसी हाल नहीं घटने देना।

नाक का बाल वह था मेरा,
   अब नाक फुलाकर बैठा है।
      हर बात में नाक घुसाता था,
          अब नाक चढ़ा कर ऐंठा है।

हमें नाकों चने चबवाता है,
   मेरी नाक में दम वह करता है।
       मेरी नाक में कौड़ी डाल रहा,
        औ नाक की लज्जा हरता है।

मेरी नाक के नीचे बैठ सदा,
   मेरी नाक पर मुंग दलता है।
     बस नाक पर गुस्सा है उसको,
        मेरी नाक पर गुस्सा करता है।

रहे सदा उसकी नाक बुरी,
    पर नाक नकेल तू दे देना।
       मेरी नाक पर मक्खी ना बैठें,
           नाक की लज्जा रख लेना।

मेरी नाक सदा ऊंची रखना,
    कभी भी आंच नहीं आने देना।
        नाक की खातिर है विनती,
            यह नाक सदा बचने देना।

              सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
                 स्वरचित, मौलिक

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