जीया बेकरार है,छाई बहार है,
आजा मेरे बालमा,तेरा ईतजार है।
आज है पहली तारिख बालम,
जल्दी से घर आ जाओ।
महीने भर का पगार अपनी,
हाथ मेरे तुम थमाओ ।
आज मंगलवार है,जाना बाजार है,
आजा मेरे बालमा,तेरा इंतजार है।
चल कर मेरा झुमका ले दो,
अँगूठी पायल भी ले दो।
जरी-बुटिक की सारी ले दो,
मखमल की चोली ले दो।
तुझको मुझसे प्यार है।
तो लेना मेरा हार है।
आजा मेरे बालमा..........
नमक नहीं है, तेल नहीं है,
और न आटे - दाल है।
सब्जियों की टोकरी खाली,
मसाले का भी यही हाल है।
हम पर सारा भार है,खाने वाले चार हैं।
आजा मेरे बालमा ,तेरा इंतजार है।
सुजाता प्रिय'समृद्धि'
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
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