Friday, February 7, 2020

गुलाब की पंखुड़ियों के औषधीय गुण

आज हम लोग ' रोज डे ' मनातेे हैं।खूबसूरत गुलाबों को देख खुश हो जाते हैं ।उसकी सुगंध से सुवासित हो जाते हैं।वेलेंटाइन डे पर इसे प्रस्तुत कर प्यार का इजहार करने का प्रचलन चल पड़ा है । किसी की सुंदरता और कोमलता की उपमा गुलाबों से देते हैं। लेकिन प्रकृति ने गुलाब के रूप में हमें एक अनमोल औषधि प्रदान किया है,यह शायद ही लोग जानते हैं।आयुर्वेद में इसकी पंखुड़ियों का इस्तेमाल कर अपने शरीर के प्रत्येक अंग को स्वस्थय बनाने का विस्तृत उल्लेख किया गया है।
आइए जाने इसकी पंखुड़ियाँ किस प्रकार औषधी बनकर हमारे सभी प्रकार के रोगों का उपचार कर सकते हैं।
त्वचा का उपचार-
इसकी पंखुड़ियों को पीसकर विभिन्न वस्तुओं के साथ लगाने से त्वचा संबंधी बीमारियाँ दूर होती है तथा त्वचा में निखार आता है।
१ . दूध के साथ इसे पीसकर लगाने से त्वचा में निखार आता है और त्वचा सुंदर और सुकोमल होती है।आँखों के नीचे उभरे काले- घेरे को दूर किया जा सकता है।
२ . शहद के साथ इसे पीसकर लगाने से अनचाहे बाल निकल आते हैं और त्वचा सुंदर और साफ दिखने लगता है।
३ . चीनी के साथ लगाकर त्वचा में स्क्रब किया जाता है।
४. अखरोट के साथ लगाकर भी त्वचा को मुलयम कर सकते हैं।
५ . पानी में कुछ देर पंखुड़ियों को रखकर उस पानी से चेहरे धोने से चेहरे में ताजगी आती है।
६. निंबू के रस के साथ पीसकर लगाने सेे गर्दन और कोहनी में जमे मैल साफ हो जाते हैं तथा मृत त्वचा को हटाया जाता है।
७ . जैतून के तेल के साथ इसके रस को लगाने से चेहरे के दाने एवं झुर्रियाँ नष्ट होती है  ।कील मुहाँसे दूर होते हैं ।८ . मलाई में इसके रस को मिलाकर लगाने से होठ        चिकने और कोमल होते हैं ।
९. मोम के साथ इसके रस को लगाने से प्रेम की विवाइया भर जाती हैं
१०  नारियल तेल के साथ हथेलियों में लगाने से हथेलियों का फटना दूर होता है।

दिमाग के लिए-
१इनकी पंखुड़ियों को नित्य सुंघने से तथा इसका रस को शरबत में मिलकर पीने से यादास्त मजबूत होती है तथा थकान दूर होता है।इसके पंखुड़ियों को सुंघने से तनाव तथा अवसाद दूर होता है ।
गर्मी से बचाव कर-
इसके शर्बत में इलायची तथा काली मिर्च मिलकर पीने से गर्मी तथा लू से बचा जा सकता है ।

खून संबंधी रोगों के लिए-
इलायची के छिलके के साथ गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर पीने से खून साफ होता है तथा  रक्तचाप कम किया जाता है ।

दिल संबंधी रोगों  के लिए-
दिल की बीमारी में इसकी शरबत पीना फयदेमंद है।

पेट संबंधी रोगों के लिए-
पाचन शक्ति बढ़ाने मेंभी  यह कैसी मददगार है।पेट साफ रखता है ।भुख न लगाने की समस्या भी दूर होती है।बदहजमी तथा कब्ज दूर होता है।हैजे से भी यह राहत दिलाते है और पेट का अल्सर नष्ट करता है।

मुख एवं गृवा संबंधी रोगों के लिए-
संतरे के रस में  इसके रस को पीने से गले एवं सीने का जलन दूर होता है और जी मिचलाना बंद होता है।खासी एवं स्कर्वी रोग में भी काफी प्रभावी है।इसके पंखुड़ियों को चबाकर खाने से पसीने तथा दाँतों की बदबू दूर होती है और मसूढ़ों से खून निकलना बंद हो जाता है । मुँह के छाले भी खत्म होते हैं।

स्त्री रोग संबंधी -
मासिक धर्म का दर्द भी इसके सेवन से दूर होता है।

नेत्रों रोग के लिए-
यह बैक्टिरिया रोधी है ।आँखों के हर रोग में इसका रस काफी प्रभावशाली ।यह नैनों को ठंढक पहुचा तू है तथा लाली दूर करती है ।

हड्डियों के लिए-
इसकी पंखुड़ियों को तेल ने गर्म कर लगाने से हड्डियों का दर्द दूर होता है ।पंखुड़ियों से बने गुलकंद खाने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं।

सावधान- गुलाब के पंखुड़ियों के अनगिनत गुणों को जानने के बाद हमें लगता है कि इसमें केवल गुण- ही-गुण है ।यह नुकसानदेह नहीं है किन्तु 'अति सदैव वर्जते' एक दिन में एक फूल की पंखुड़ियों से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।तब इसकी मात्रा अधिक हो जाएगी।
                     सुजाता प्रिय

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