Friday, September 27, 2019

आ सुर मिला लें (गीत)

आ सुर मिला लें जरा,
एक नए अंदाज में।
साथ गुनगुना लें जरा,
एक सुर के राग में।

सुर  को  सँवार लें,
लय को निखार लें।
बेसुरे   रागों   को,
थोड़ा हम सुधार लें।
सुर को सजा लें जरा,
एक प्यारे अंदाज में।
साथ गुनगुना लें जरा,
एक  सुर के  राग में।

आ साथ मिलके हम,
छेड़े आज सरगम।
मधुर -मधुर तान दे,
तरs रs  तरम पम।
दिल बहला लें जरा,
एक नए अंदाज में।
साथ गुनगुना लें जरा,
एक सुर के राग में।

मिल्लतों की  रीत  हो,
सबको सबसे प्रीत हो।
सबके सुरों में  आज,
एकता  के  गीत  हो।
एक लय में गा लें जरा,
एक  नए  अंदाज  में।
साथ गुनगुना लें जरा,
एक  सुर  के राग  में।
        सुजाता प्रिय

14 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    ३० सितंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  2. हमेशा की तरह हार्दिक धन्यबाद श्वेता।सोमबारिय विशेषांक में मेरी रचना को साझा करने के लिए।नवरात्रा के शुभ अवसर पर पूरे परिवार को शुभकामनाएँ।

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  3. सन्देश परक गीत।
    पधारें शून्य पार 

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    1. बहुत-बहुत धन्यबाद भाई।

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  4. बहुत सुंदर और सार्थक रचना सखी 👌🌹

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    1. धन्यबाद और बहुत-बहुत धन्यबाद सखी।

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  5. वाह!!खूबसूरती अभिव्यक्ति सखी !

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    1. बहुत-बहुत धन्यबाद सखी।सप्रेम

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  6. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌

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    1. आभार आपका सखी।सादर थन्यबाद।

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  7. सबके सुरों में आज,
    एकता के गीत हो।
    एक लय में गा लें जरा,
    एक नए अंदाज में।
    साथ गुनगुना लें जरा,
    एक सुर के राग में।

    बहुत सुंदर, सच्ची सीख देती रचना ,सादर

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    1. बहुत-बहुत धन्यबाद सखी।प्रेरित करने के लिए।सप्रेम आभार।

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  8. सुंदर स्नेह का संदेश देती मोहक रचना,
    सुजाता जी बहुत सुंदर सृजन ।

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  9. धन्यबाद सखी।आपका सबका प्यार ही उत्साह बढ़ाता है।सप्रेम।

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