Tuesday, September 3, 2019

पहली कविता

जिसको मैने रोज सवारा,
  जिसको मैने रोज निखारा,
    जिसे रचाई मैं वर्षों तक,
      जिसे सजाई मैं अर्सों तक,
         वह मेरी पहली कविता है।

करनीय कार्य में आनेवाली,
  तुकबंदी सिखलानेवाली,
    कोशिश करना हमें सिखाया,
       कविता रचना हमें सिखाया,
         वह मेरी पहली कविता है।

जिसने बर्वाद किए कई पन्नें,
   जिसने स्याह किए कई पन्नें,
     कलम चला थक जाती थी मैं,
       क्या लिखूँ समझ न पाती थी मैं,
            वह मेरी पहली कविता है।

जिसमें वर्तनी दोष बहुत थे,
  पर्यायवाची शब्दकोष बहुत थे,
     अशुद्धियों का भंडार था उसमें,
    .    त्रुटियोंं की भरमार थी जिसमें,
         .   वह मेरी पहली कविता है।
            .          सुजाता प्रिय

जी मैं अपनी वह पहली कविता बहुत जल्द आप सबके
समक्ष पेश करुँगी।सादर नमस्ते।

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