शिक्षक
शिक्षक देते हैं सदा, विद्या- बुद्धि व ज्ञान।
शिक्षक से हम सीखते,साहित्य, औ-विज्ञान।।
लक्ष्य - प्राप्ति के लिए, बतलाते हैं राह।
जीवन में शिक्षक बिना,मिलता कभी न थाह।।
हम माटी की लोय हैं, शिक्षक हैं कुम्हार।
गढ़ते हमको चाक पर, देते हैं आकार।।
शिक्षा की दें भावना,करते हैं गुणवान।
गुरु के गुण अपनाइए,बनिए गुण की खान।।
ज्ञान की दीप को जला, देते गुरु सद्ज्ञान।
राह दिखाते ज्ञान की, शिक्षक की पहचान।।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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