गणेश (दोहे)
सब देवों के देव हैं, पूजो प्रथम गणेश।
माता गौरी भगवती, पिता देवा महेश।।
हाथी जैसे कान हैं, लम्बोदर पर सूढ़।
कर इनकी आराधना,होते ज्ञानी मूढ़।।
सभी बुधवार को करें,इनकी पूजा आप।
गण गणपत्यै बोलकर, करिए मन से जाप।।
लड्डू-मोदक जानिए,इनका प्यारा भोग।
नित उठ भोग लगाइए,सुख से रहिए लोग।।
मूषका पर सबार हो,घुमते तीनों लोक।
भक्त जन पर दया करें, हरते सारे शोक।।
हाथ जोड़ जो मांगिए, देते देवाशीष।
पूर्ण कर मनोकामना,देते हैं आशीष।।
विघ्न हर्ता गणेशजी,हरते उर संताप।
हरते सबकी दीनता,हरते सबके पाप।।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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