जय विश्वकर्मा भगवान
आदि शिल्पी विश्वकर्मा नमन बारम्बार।
नमन बारम्बार तुझको नमन बारम्बार।
ध्यान धर तेरे चरण में,जोड़ूंँ अपने हाथ।
दण्डवत प्रणाम कर,झुकाऊँ अपना माथ।
श्रद्धा से तुमको चढ़ाएँ,हम पुष्प- हजार ।
तूने सिखाया है हमें,कला ज्ञान-विज्ञान।
तेरी ही माया से हम,करते नित अनुसंधान।
सारी सृष्टि में उद्योग के तुम हो रचनाकार।।
तेरी कृपा से ही हे स्वामी, कारखाने है बने।
आसान हुए काज सारे, निर्माण होते सौ गुणे।
तेरे ही आशीष से होता,सपने सभी साकार।
सड़क-पुल हमने बनाए,किये भवन निर्माण।
बाँध-रेल नौका बनाए,बनाए तोप विमान।
आत्मरक्षा करने के लिए,बनाये हम हथियार।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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