Monday, February 14, 2022

पुलवामा आक्रमण के समय लिखी एक रचना

दुशमन ने ललकारा है।----------------

हथियार उठाकर बढ़ जा वीरों,
दुशमन ने ललकारा है।
गीदड़दिली हमला कर उसने,
जावाँज शेरों को मारा है।।

अपनी सीमा को शत्रुदल,
जब कभी करता हो पार।
पुरुष सिंह तुम काल बनकर,
करता जा दुशमन पर वार।
चौवालिस गुणा चौवालिस मारो,
यही हमारा नारा है।

गरज रहा है चहु दिशा से,
भारत का विजयी हुँकार,
मातृभूमि की रक्षा खातिर।
करने को जीवन न्यौछार।
रुके नहीं अभियान हमारा,
यह संकल्प हमारा है।

पाकिस्तानी भूले से भी,
कदम रखे कश्मीर में।
तीर उठाकर उसको मारो,
या जकड़ो जंजीर मे।
आँख उठाकर इसे न देखे,
यह कशमीर हमारा है।

सुजाता प्रिय, समृद्धि,राँची🙏

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