मन का विश्वास
मन में है विश्वास अगर,सब काम सफल हो जाएगा।
विजय पताका पास तुम्हारे,समय सदा फहरायेगा।
विजय पताका पास...........
दृढ़ हृदय से लक्ष्य पथ पर,पग-पग तुम बढ़ते जाओ।
दुर्गम पथ को सुगम बनाकर, सुंदर पथ गढ़ते जाओ।
हिम्मत-ताकत भी मेहनत से तुमको मिलता जाएगा।
विजय पताका पास................
अपनी शक्ति और लगन पर सदा ही तुम विश्वास करो।
कोई हमारी मदद करेगा,भूल नहीं एहसास करो।
अपने बाहुबल से ही,सहयोग तुझे मिल जाएगा।
विजय पताका पास.................
तुम भी ऊपर चढ़ सकते हो,रखो यह मन में विश्वास।
तुम भी आगे बढ़ सकते,चलो सदा यह लेकर आस।
विश्वास भरा यह कदम तुम्हारा कभी न रुकने पाएगा।
विजय पताका पास..........
मन के सब संताप मिटाकर,कर्म सदा करते जाओ।
कर्म से अपने भाग्य बनाओ,मुश्किल में न घबराओ।
कर्म तुम्हारे अच्छे हैं तो,सौभाग्य तुझे मिल जाएगा।
विजय पताका पास.................
बढ़े चलो तुम बढ़े चलो, रुकना तेरा कर्म नहीं।
कर्म पथ से मुँंह मोड़ना, कर्मवीर का धर्म नहीं।
बढ़ते जाओ अगर सदा तुम,लक्ष्य तेरा मिल जाएगा।
विजय पताका पास..............
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (14-02-2022 ) को 'ओढ़ लबादा हंस का, घूम रहे हैं बाज' (चर्चा अंक 4341) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:30 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteअल्लामा इक़बाल का शेर याद आ गया -
'खुदी को कर बुलंद इतना कि, हर तकदीर से पहले,
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे, बता तेरी रज़ा क्या है.'
सुन्दर, सकारात्मक सृजन!
ReplyDeleteसुंदर,सकारात्मक सृजन दीदी।
ReplyDeleteसादर।
तुम भी ऊपर चढ़ सकते हो,रखो यह मन में विश्वास।
ReplyDeleteतुम भी आगे बढ़ सकते,चलो सदा यह लेकर आस।
विश्वास भरा यह कदम तुम्हारा कभी न रुकने पाएगा।
विजय पताका पास..........
सुन्दर प्रेरक एवं सकारात्मकता से ओतप्रोत
लाजवाब सृजन
वाह!!!
बहुत ही प्रभावपूर्ण, प्रेरणादायक ओजपूर्ण गीत।
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