नये साल का नया सवेरा ,
खुशियां लेकर आया है।
नई उम्मीदें मन में जागी,
उर में आनंद समाया है।
सुख-समृद्धि,औ सौभाग्य से,
आंगन सबका भर जाए।
नई सुबह में नये प्रसून ,
नित आंगन में मुस्काए।
सुबह सुनहरी,रंगीन दुपहरी,
सुरमई संध्या- रैन मिले।
भोजन-वसन-आवास मिले,
जीवन में सुख-चैन मिले।
धन-दौलत का अंबार रहे,
सुख-साधन अपार मिले।
खुशियों की बारिश में भींगे,
हंसी की बहती धार मिले।
नई उमंग,नव उत्साह ले,
जीवन की शुरुआत करें।
छोड़ सभी अब गिले-शिकवे,
प्रेम-भाव की बात करें।
आस नयी, विश्वास नया,
मन में ले उल्लास नया।
नई उम्मीद ले कदम बढ़ाएं,
काम करें कुछ खास नया।
नया साल में नयी सोंच हो,
ईश्वर दो बस इतना वरदान।
नयी रीति से सब काम करें,
सदा करें हम जन-कल्याण।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
जन कल्याण की भावना व सकारात्मक विचार.
ReplyDeleteउर्जा भरी आशा.
बहुत सुंदर मंगलमयी कमाना के साथ.
नई रचना- समानता २
आभार भाई! मेरी रचना को पसंद करने के लिए। हार्दिक धन्यवाद।आपको नववर्ष की असीम शुभकामनाएं।
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