Tuesday, May 14, 2019

मस्ती भरी छुट्टी

गर्मी  का मौसम, छुट्टी  का दिन ।
आओ नाचे तक धिना धिन धिन।
स्कूल  न जाना, मस्ती  है करना।
होमवर्क बनाना,घर में  है पढ़ना।
ठंढी  हवा   में  जाकर   टहलते।
नदी   किनारे  में खूब   उछलते।
तरबूज खीरा और ककड़ी खाते।
दही -छाछ -लस्सी, शरबत पीते।
शाम  को   करते  हैं   बागबानी।
सुबह  हम सींचते फूलों में पानी।
बगीचे में फैलाकर हम हरियाली ।
झूला  झूलते हैं  लगाकर  डाली।
मस्ती  और छुट्टी  का है  संयोग।
छुट्टी का करना है हमें सदुपयोग।
पर्यावरण  स्वचछ  बनाएँगे  हम।
मस्ती  से  छुट्टी  बिताएगें   हम।
नाचे  ताक  धिना- धिन  - धिन।
आहा - हा गिन -गिन कर -दिन ।
                     सुजाता प्रिय

2 comments:

  1. वाह्ह्ह्ह भाभी बहुत सुंदर बाल कविता..👌
    बाल साहित्य सृजन सच में सराहनीय है।

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  2. धन्यबाद स्वेता।तुमसे बात कर बहुत अच्छा लगा।

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