Wednesday, February 19, 2025

मैं तेरी हमराज़ हूँ ( गज़ल )

तुम मेरे सरताज हो और मैं तुम्हारी लाज हूंँ।
तुम ही मेरी जिंदगी हो, मैं तेरी हमराज हूंँ।

सज रही महफ़िल यहांँ,गायकी के वास्ते,
तुम मेरी संगीत बन जा,मैं तुम्हारी साज हूंँ।

हो रहा है गान अब, हम भी मिलकर गाएंँगे,
तुम हमारी गीत बन जा, मैं तेरी आवाज़ हूंँ।

मेरे सुर में सुर मिला, साथ सरगम लो बजा,
तुम मेरे आलाप हो और,मैं तेरी अंदाज हूँ।

देखो अब सारे जहांँ में, प्यार का सम्राज्य है,
तुम यहांँ सम्राट बन जा, मैं तुम्हारी ताज हूंँ।

मेरे मन में उठ रही,पूरी कर दो कामना 
तुम मेरे मन भेद रख लो,मैं तुम्हारी राज हूँ।

खुशनुमा लगता जहां,जब तुम्हारा साथ हो,
संग मेरे हर कल रहोगे,संग तुम्हारे आज हूंँ।

        सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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