Sunday, September 1, 2024

मैं प्यारी भाषा हिन्दी हूँ

मैं प्यारी भाषा हिन्दी हूँ (कविता)
(चोपाई छंद आधारित मुक्तक)

मैं प्यारी  भाषा  हिन्दी हूँ।
   भारत  माता  की  बिंदी  हूँ।
      विदेशी  भाषा  को  भगाने-
         मैं  आज  हिन्द में  जिंदी हूँ।

मुझसे  प्रेरित  भाषा  सारी।
   मैं  सभी भाषियों को प्यारी।
      छंदो- कविताओं में रचकर-
         हो  जाती  हूँ  मैं तो न्यारी।।

मेरे  शब्दों     में  आकर्षण।
   है अर्थ  भरा  मेरा  चितवन।
      सुंदर - प्यारे  मधु  भावों  से -
         है भरा हुआ मेरा कण-कण।

मैं  सब  लोगों को  भाती हूँ।
   मैं  शीघ्र  समझ में आती हूँ।
       जो मुझे  प्यार  से अपनाता-
         मैं  उसकी  ही  हो जाती  हूँ।

जो मुझको तुम अपनाओगे।
   सुख  बहुत सदा ही पाओगे।
      हिन्दी भाषा - भाषी बनकर-
         तुम  देशभक्त   कहलाओगे।

               सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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