Wednesday, October 12, 2022

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (देव घनाक्षरी)


 
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

राज-दुलारी बेटियांँ,
  पिता को प्यारी बेटियांँ,
     माता को प्यारी बेटियांँ,
          चलती मटक-मटक।

घर-आँगन की शोभा,
  मायका की होती शोभा,
      ससुराल की भी शोभा,
           चलती छमक-छमक।

बेटी लक्ष्मी सरस्वती, 
  शक्ति माया व पार्वती,
       दुर्गा काली भगवती,
         मत तू इसको झटक।

बेटियों को बचाइए,
    मन से ना दुराइए,
        इसे खूब पढ़ाइए,
         जनम लेते ना पटक।

         सुजाता प्रिय समृद्धि

No comments:

Post a Comment