-दोहा
शिव देवो के देव हैं, चरणों में प्रणाम।
इनकी कृपा से लोगों के, पूर्ण होते सब काम।।
आदि शक्ति गौरी माँ, रहतीं जिनके साथ।
उनके चरणों में सभी,सदा नवाओ माथ।।
इनकी ज्योति पुंज से,रोशन है संसार।
ब्रह्माण्ड में व्याप्त है,महिमा जिनकी अपार।।
नंदी जिनके साथ हैं, भक्ति-भाव के रूप।
मिले न ऐसा भक्त कभी, अनुपम रूप-अनूप।।
शिव के हाथ शोभता, सोने का त्रिशूल।
शिव-शंकर संहारक हैं,यह मानव की भूल।।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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