अम्बे माँ की चुनरिया
लहर -लहर लहराए रे, अम्बे माँ की चुनरिया।
भक्त जनों को भाए रे,अम्बे माँ की चुनरिया।
मैया की चुनरी में गोटा लगा है।हाँ गोटा लगा है।
मोती की लरियांँ सजाओ रे अम्बे माँ.........
मैया की चुनरी में सितारा जड़ा है,हाँ सितारा जड़ा है।
दवका भी उसमें बिठाओ रे, अम्बे माँ........
मैया की चुनरी में मोती लगा है,हाँ मोती लगा है,
लटकन भी उसमें लगाओ रे अम्बे माँ ......
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मैया की चुनरी में जरी लगा है,हाँ जरी लगा है।
धागा से फूल बनाओ रे अम्बे माँ की.....
मैया की चुनरी में घंटी लगा है,हाँ घंटी लगा है।
घुंघरू भी उसमें लगाओ रे, अम्बे माँ.........
मैया की चुनरी में प्रेम भरा है, हाँ प्रेम भरा है।
ममता का मिलता छांँव रे, अम्बे माँ............
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