आज सोमवार है जी आज सोमवार है।
सभी मिलकर करते जयकार हैं,
आज सोमवार है जी.,,,,,,,,
आँक-धतुरा-भांग शिवजी को प्यारा है।
बेलपत्र ,सम्मी पत्र लगता उन्हें न्यारा है।
शिव जी के गले में सर्प की हार है।
आज सोमवार है जी....
शिवजी के मस्तक पर चमक रहा चाँद है।
डिम-डिम डमरू करता निनाद है।
इनके जटे से बहती जलधार है
आज सोमवार है जी..........
औढरदानी शिव जी सभी को वर देते हैं।
भक्तों के दुखड़े सुन हर लेते हैं।
शिव जी को भक्तों से सुनो बड़ा प्यार है।
आज सोमवार है जी....
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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