तुलसी गीत
बोल जगदम्बा से लाड़ो सुहाग मांगे )
मेरे आंगन में शोभे श्याम तुलसी।
श्याम तुलसी,हरे राम तुलसी।
सोने सुराही में गंगा-जल भरके,
नित उठ पटाऊँ मैं श्याम तुलसी।
सोने की डलिया में बेली चमेली,
तोड़ -तोड़ चढ़ाऊँ मैं श्याम तुलसी।
सोने की थाली में दाख-छुहारा,
नित भोग लगाऊँ मैं श्याम तुलसी।
सोने की दीया, रेशम की बाती,
घृत डाल जलाऊँ मैं श्याम तुलसी ।
सोने की थाली कपूर की बाती,
नित आरती उतारूँ मैं श्याम तुलसी।
मेरे आँगन में शोभे......
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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