Wednesday, January 10, 2024

नववर्ष (सवैया)



नववर्ष (सवैया छंद)

आगत का सब स्वागत ले कर,
         आज सभी खुश होकर भाई।
मान अभी अपने मन में सब,
           बीत गया अब ले अंगड़ाई।
वर्ष नवीन अभी फिर सुंदर,
           वर्ष यही अब हो सुखदायी।
ईश मना सब शीश झुकाकर,
           मांँग सभी मन से वर भाई।

मास बिता कर जो तुम बारह,
             आगत वर्ष रखें पग प्यारे।
कर्म करो सब नेक तभी यह,
               वर्ष हमार रहे सब न्यारे।
नेक करो जब काम सभी तब,
              साथ रहे सुर पांव पसारे।
कर्म सभी चित में रखते तब,
           ही खुश हैं भगवान हमारे।।
      सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

No comments:

Post a Comment